नेपाल में बवाल

पुलिस की गोलीबारी में 20 की मौत, 350 घायल

काठमांडू। नेपाल में भ्रष्टाचार और सरकार के सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को देश के कई इलाकों में प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में कम से कम 20 युवाओं की मौत हो गई और करीब साढ़े तीन सौ लोग घायल हो गए।
नेपाली मीडिया के अनुसार काठमांडू घाटी में 17 और इटाहारी में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। एक अन्य प्रदर्शनकारी की मौत होने की खबर है। घायलों की संख्या अभी भी अनिश्चित है, क्योंकि मामलों की संख्या बहुत ज़्यादा है। हालांकि माना जा रहा है कि यह आंकड़ा 350 से ज़्यादा का हो सकता है। घायलों में कम से कम 10 युवाओं की हालत नाजुक बनी हुई है। इससे पहले सोमवार दोपहर में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हालिया प्रतिबंध के खिलाफ काठमांडू, पोखरा, बुटवल,  भैरहवा,  भरतपुर, इटाहारी और दमक सहित विभिन्न शहरों में युवा सड़कों पर उतर आए। काठमांडू में प्रदर्शनकारी संघीय संसद परिसर में घुस गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर और गेट फांदकर संघीय संसद परिसर में धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने पहले शांतिपूर्ण रहने की बात कही थी पर मौके पर हालात बिगड़ गए। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया लेकिन बाद में उनको गोली चला कर प्रदर्शनकारियों को वहां से भगाना पड़ा। देश में बढ़े तनाव के बीच गृह मंत्री रमेश लेखक ने घटनाक्रम की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये कांग्रेस की बैठक में ही अपना इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और मीटिंग छोड़ कर चले गए।
घायलों में जेनरेशन ज़ेड के प्रदर्शनकारी, सुरक्षाकर्मी और पत्रकार शामिल हैं। इस घटना में सैकड़ों प्रदर्शनकारी, पत्रकार और सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं और राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है। स्थिति बिगड़ने के बाद काठमांडू घाटी में कई जगहों पोखरा, इटाहारी ,(सुनसारी)   बुटवल-भाईरहावा,(रूपनदेई) में कहीं-कहीं और सीमित अवधि का कर्फ्यू लगाया गया है। इन प्रदर्शनकारियों को जेनरेशन जेड या जेन.ज़ी के नाम से जाना जा रहा है। जेनरेशन ज़ेड पीढ़ी यानी वे लोग जिनका जन्म वर्ष 1997 से वर्ष 2012 के बीच हुआ है। ये लोग देश में सोशल मीडिया,  फेसबुक, ट्विटर आदि पर प्रतिबंध लगाये जाने से नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के दमक स्थित आवास पर पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में कई राउंड फायरिंग की। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर पूर्व.पश्चिम राजमार्ग के कुछ हिस्सों को भी अवरुद्ध कर दिया। इससे पहले, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान जारी कर सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों दोनों से संयम बरतने का आग्रह किया था। आयोग ने कहा कि संविधान और अंतरराष्ट्रीय कानून शांतिपूर्ण असहमति के अधिकार की गारंटी देते हैं और तोड़फोड़ और अत्यधिक बल प्रयोग को अफसोसजनक बताया।
नेपाल की प्रतिनिधि सभा की शिक्षा,  स्वास्थ्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी समिति ने सरकार को आंदोलनकारी जेन.ज़ी से बातचीत करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में सभी आंदोलनकारी युवाओं को शांतिपूर्ण तरीके से अपना रास्ता अपनाने,  गृह प्रशासन द्वारा संयम बरतने और आंदोलन के दौरान कड़ी सतर्कता बरतने का निर्देश देने का निर्णय लिया गया। समिति के अध्यक्ष अम्मार बहादुर थापले ने यह जानकारी दी। समिति ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आगामी बैठक में समिति को सोशल मीडिया से संबंधित तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है।

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